सैनिक की जलती चिता, करती यही पुकार, दीपक ऐसा लीजिये, पाले पेट कुम्हार

जागृत है यदि आत्मा, पुरखों का संस्कार |
वीर पुरुष करते सदा, दुश्मन का प्रतिकार ||

सीमा पर जो चल रहा, है यदि उसका बोध |
हमको लेना चाहिये, चीना से प्रतिशोध ||

दीप पर्व दीपावली, आया है श्रीमान |
चीना को मत भेजिये,लक्ष्मी का वरदान ||

तोप टैंक सब पाक के, चीना के निर्माण |
भारत से ही धन कमा, भेजे पाकिस्तान ||

सैनिक रक्षक देश का, होता भ्रात समान |
अपने धन से ले रहे , हम अनजाने प्राण ||

आज जरुरत देश की, करें चीन प्रतिकार |
भारत निर्मित दीजिये, मित्रों को उपहार ||

सैनिक की जलती चिता, करती यही पुकार |
दीपक ऐसा लीजिये, पाले पेट कुम्हार ||

नीली हो या लाल हो, चाहे जैसी शेड |
झालर ऐसी लीजिये, जो हो भारत मेड ||

चीनी क्रैकर फुलझड़ी, हो जाते हैं फ्यूज |
देशी क्रैकर लीजिये, होते पूरे यूज ||

बंद करो अब बेचना, कैडबरी औ लेज़ |
लड्डू पेडा खाइये, नहीं विदेशी क्लेश ||

दीवाली के पर्व पे, गूंजे यह उद्घोष |
बहिष्कार हो चीन का, सैनिक का सन्देश ||

आओ कुछ ऐसा मने, दीप पर्व त्यौहार |
घर का धन घर में रहे, चीन करे चित्कार ||

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जन्म : 18 अगस्त 1979 , फैजाबाद , उत्त्तर प्रदेश योग्यता : बी. टेक. (इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग), आई. ई. टी. लखनऊ ; सात अमेरिकन पेटेंट और दो पेपर कार्य : प्रिन्सिपल इंजीनियर ( चिप आर्किटेक्ट ) माइक्रोसेमी – वैंकूवर, कनाडा काव्य विधा : वीर रस और समसामायिक व्यंग काव्य विषय : प्राचीन भारत के गौरवमयी इतिहास को काव्य के माध्यम से जनसाधारण तक पहुँचाने के लिए प्रयासरत, साथ ही राजनीतिक और सामाजिक कुरीतियों पर व्यंग के माध्यम से कटाक्ष। प्रमुख कवितायेँ : हल्दीघाटी, हरि सिंह नलवा, मंगल पाण्डेय, शहीदों को सम्मान, धारा 370 और शहीद भगत सिंह कृतियाँ : माँ भारती की वेदना (प्रकाशनाधीन) और मंगल पाण्डेय (रचनारत खंड काव्य ) सम्पर्क : 001-604-889-2204 , 091-9945438904

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