नायक का जन्मोत्सव इस गीत के बिना अधूरा है…
मैंने तो मांगा था सहेली जैसा सैंया
मुंआ पल्ले पड़ा पहेली जैसा संइया…..
भूला भूला सा रहता है,
झूला झूला सा रहता है
नई दिल्ली में बरेली जैसा सैंया
सारा दिन अफवाहों सा
उड़ता फिरता है गली गली
गली गली मोरा सैंइया
आकर घर अंगीठी सा बातें करता है जली जली
जला जला मोरा सैंया
उठते ही अखबार पे टूट पड़ता है सुबह सुबह
भूखा सा मोरा सैंया
बीवी से ज़्यादा तो ये टीवी से है जुड़ा जुड़ा
चिपकु सा मोरा सैंया…………