यूं तो प्रेम अपने आप में पूर्ण होता है, उसका कोई आंशिक तत्व नहीं होता, लेकिन समंदर से एक मुट्ठी पानी उठाने को जैसे समंदर उठाना नहीं कह सकते वैसे ही एक मुट्ठी प्रेम की बात मैं यहाँ कहती हूँ, जो व्याकुलता से अनुकूलता तक आते-आते, कभी-कभी हमें समंदर जितना विशाल लगने लगता है, जो शुरू तो आकर्षण (चाहे दैहिक, बौद्धिक या आध्यात्मिक) से होता है, लेकिन बातों की या यादों की जुगाली करते हुए वो अपना एक काल्पनिक महल खड़ा कर लेता है.
जिसकी एक-एक ईंट हम अपने हाथों से जोड़ते हैं, उसे सजाते हैं, दर्शनीय बनाते हैं और फिर हम कब उसी में कैद होकर रह जाते हैं, पता ही नहीं चलता….
किसी घुटन भरे क्षण में जब खुद को अपने ही प्रेम के काल्पनिक महल से बाहर पाते हैं, तो प्रकृति की स्वच्छंद हवा, रोशनी, धरती और असीम आकाश को देखकर अचंभित भी होते हैं कि जिसे हम अब तक प्रेम समझ रहे थे वो तो मुट्ठी भर आकर्षण, अन-जाने को जानने की उत्सुकता और दार्शनिक बातों के अलावा कुछ नहीं था….
मेरे काल्पनिक महलों के बाहर हमेशा एक योगी मेरा इंतज़ार करता हुआ पाया जाता है, जो मुझे महल बनाते देखता है, फिर मुस्कुराता है, मुझे उसमें प्रवेश करते देखता है, फिर मुस्कुराता है, और कहता है- खेल लो जीवन में जितना खेलना हो, जब ये समझ आ जाए कि ये मात्र अवश्यम्भावी खेल है तो चल पड़ना उस असीम समंदर की ओर जहां से यह यात्रा ख़त्म होकर एक नई यात्रा शुरू करना है….
मैं कहती हूँ तुम तो रोज़ वहां से कमण्डल भर कर लाते हो और मुझ पर छिड़क देते हो तब क्यों नहीं मुझे जाने से रोकते…
वो एक बार फिर मुस्कुरा देता है… मैं सिर्फ तुम्हारी मदद कर सकता हूँ, तुम्हारा भाग्य नहीं बदल सकता…. बिना अनुभव के समन्दर तक का रास्ता भी नहीं मिलेगा, मैं मार्ग दिखा सकता हूँ…. दिखा रहा हूँ, तुम्हें तुम्हारा अनुभव तो खुद ही अर्जित करना होगा ना…. चलती चलो…. एक दिन तुम भी पहुँच जाओगी जैसे मैं किसी जन्म में पहुंचा था उन सारे महलों को तोड़कर….
फिर तुम्हें भी तो रोज़ कमंडल भर कर लाना होगा वहां से ताकि महलों के मोह से लौटते हुए राहगीरों के माथे पर पानी का छिट्टा दे सको… और कौन जाने तुम दूसरों के प्रेम के काल्पनिक महलों में जाकर उन पर समंदर के पानी का छिट्टा दे आती हो…
लेकिन ये याद रखना तुम भी केवल उनकी मदद कर सकती हो, उनका भाग्य नहीं बदल सकती… उनके अनुभव भी तो उन्हें ही अर्जित करने देना है ….
– मेरे योगी तुम्हारा जन्मदिन हर जन्म में मुझे मुबारक रहे…