मुलायम की दूसरी पत्नी पर आरोप लगाने वाले अखिलेश समर्थक MLC उदयवीर सस्पेंड

udayveer-singh-mulayam-singh-akhilesh-yadav

लखनऊ. समाजवादी पार्टी में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के एक और समर्थक पर कार्रवाई की गई है. पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी पर अखिलेश के खिलाफ साज़िश रचने का आरोप लगाते हुए मुलायम सिंह को चिट्ठी लिखने वाले एमएलसी उदयवीर सिंह को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है.

[टूट की राह पर सपा, अखिलेश ने किया शिवपाल की बैठक का बहिष्कार]

उदयवीर को पार्टी से 6 साल के लिए निलंबित किया गया है. उदयवीर सिंह ने मुलायम सिंह को चिट्ठी लिखकर आरोप लगाया था कि अखिलेश यादव की पार्टी और परिवार में तमाम मुश्किलों के पीछे मुलायम की दूसरी पत्नी यानी अखिलेश की सौतेली मां का हाथ है.

उदयवीर ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और मुलायम के भाई शिवपाल यादव पर भी आरोप लगाते हुए कहा था कि शिवपाल, सीएम अखिलेश की सौतेली मां को राजनीतिक मोर्चे पर ला रहे हैं.

उदयवीर ने सपा सुप्रीमो को सलाह देते हुए लिखा था कि मुलायम को परिवार में अपने बड़े बेटे को लेकर हो रही साजिशों से सतर्क रहना चाहिए.

इस पत्र के सामने आने के बाद पार्टी के दूसरे खेमे की तरफ से एक अन्य एमएलसी आशु मलिक को आगे किया गया था, जिन्होंने उदयवीर का विरोध करते हुए उनके पत्र को मुलायम सिंह का अपमान बताया था.

उदयवीर ने अपने पत्र में लिखा था, जबसे आप (मुलायम) ने अखिलेश यादव को चुनाव में पार्टी का सीएम चेहरा बताया है, तब से आपके परिवार में साजिश की शुरुआत हुई.

उदयवीर के मुताबिक़, अखिलेश की सौतेली मां हमेशा पर्दे के पीछे रहीं. उनका राजनीतिक चेहरा बनकर शिवपाल आगे आए. शिवपाल ऐसा ना होने देने के लिए पार्टी के सीनियर नेताओं से संपर्क करने लगे.

उदयवीर ने आगे कहा, एंटी अखिलेश ग्रुप के दबाव में आकर मुलायम ने कई बार सार्वजनिक मंच पर सीएम अखिलेश को फटकार लगाई है. अखिलेश हमेशा एक आज्ञाकारी बेटे बने रहे. कभी रिएक्ट नहीं किया.

उन्होंने दावा किया कि बाहरी लोगों ने हमेशा इस परिवार के संकट का फायदा उठाया है. उन्होंने का कि पार्टी को पहले जैसी स्थिति में लाने के लिए सपा सुप्रीमो को निष्कासित नेताओं को दोबारा पार्टी में लाना चाहिए और अखिलेश को फुल पावर देना चाहिए.

उदयवीर ने मुलायम को याद दिलाया कि जब वे सीएम थे, तो पार्टी से संबंधित सभी फैसले लेने की अधिकार उनको था. ठीक उसी तरह अखिलेश यादव को भी पूरी आजादी देनी चाहिए.

हालांकि शुक्रवार को हुई पार्टी के जिलाधिकारियों की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कथित तौर पर कहा था कि चुनाव बाद अखिलेश ही मुख्यमंत्री बनेंगे.

इस बैठक का मुख्यमंत्री अखिलेश ने बहिष्कार किया था और संभवत: इसी के चलते उन्हें दबाव में लाने के लिए उदयवीर सिंह को निलंबित किया गया है.

Comments

comments

LEAVE A REPLY