नई दिल्ली. सीबीआई ने कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए के शासनकाल में किए गए एक विमान सौदे में ब्रिटेन के हथियार डीलर के खिलाफ रिश्वतखोरी का मामला दर्ज किया है.
साल 2008 में हुए तीन विमानों के सौदे में ब्राजील की कंपनी एंब्रेयर से कथित तौर पर 57 लाख डॉलर से ज्यादा की रिश्वत लेने के मामले में प्रवासी भारतीय विपिन खन्ना के खिलाफ यह केस दर्ज किया गया है.
केंद्र सरकार ने पिछले महीने यूपीए सरकार के कार्यकाल में हुए इस सौदे की जांच सीबीआई को सौंपी थी.
रक्षा मंत्रालय ने एम्ब्रायर से 20.8 करोड़ डॉलर के तीन विमानों की आपूर्ति के लिए बिचौलिये को कमीशन दिए जाने के आरोपों पर सफाई मांगी थी.
इस सौदे में शामिल तीन विमानों का इस्तेमाल रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने हवाई रेडार प्रणाली के लिए करना था. एंब्रेयर के साथ यह सौदा 2008 में हुआ था.
ब्राजील के एक अखबार ने आरोप लगाया था कि कंपनी ने सौदा पाने के लिए सऊदी अरब और भारत में बिचौलियों की मदद ली थी.
भारत की रक्षा खरीद के नियमों के अनुसार, ऐसे सौदों से बिचौलियों को सख्त तौर पर दूर रखा जाता है.
ब्रिटेन निवासी प्रवासी भारतीय विपिन खन्ना का नाम सीबीआई की जांच के दौरान एक अन्य रक्षा सौदे में भी सामने आया था.
सीबीआई के मुताबिक, ये रिश्वतें कथित तौर पर 2009 में एंब्रेयर की सहायक कंपनियों के माध्यम से सिंगापुर की एक कंपनी के मार्फत दी गई थीं.
सिंगापुर स्थित कंपनी एक बिचौलिए की है. ऐसा आरोप है कि ये रिश्वतें ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड के रास्ते आईं. उन्होंने कहा कि एजेंसी ने सितंबर में प्रारंभिक जांच दर्ज की थी.
चूंकि, उसे मामले में आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त प्रथम दृष्ट्या सामग्री मिल चुकी है, इसलिए इसे नियमित प्राथमिकी में बदल दिया गया है.
87 साल के विपिन खन्ना धोखाधड़ी के मामले में पहली बार नहीं फंसे हैं. इससे पहले 2006 में भी उनसे पूछताछ हुई थी. तब ऑयल फॉर फूड स्केंडल में उनके बेटे आदित्य खन्ना का नाम आया था.
आदित्य पर उस घोटाले में लाभ पाने वाले प्रमुख शख्स होने का आरोप था. तब विपिन खन्ना का पासपोर्ट लंबे वक्त तक जब्त रहा था.