मुम्बई. भारत के डेबिट कार्ड धारकों के लिए डरावनी खबर है. कई अहम बैंकों के डेबिट कार्ड उपभोक्ता आंकड़ों में चीन सेंध लग चुका है.
सूचना के अनुसार 32 लाख डेबिट कार्ड धारक इससे प्रभावित हैं. पेमेंट्स कार्डंसिल ऑफ इंडिया विभिन्न बैंकों से मिली शिकायत के आधार पर फॉरेंसिक जांच के आदेश दे दिए हैं.
32 लाख में से 26 लाख कार्ड वीज़ा और मास्टर कार्ड प्लेटफॉर्म से संबंधित हैं. जबकि 6 लाख मामले रुपे प्लेटफॉर्म से जुड़े हैं.
बताया जा रहा है कि भारतीय बैंक अपने 32 लाख से भी ज्यादा ग्राहकों के डेबिट कार्ड या तो रिप्लेस कर सकते हैं या फिर पिन चेंज करने के निर्देश दे सकते हैं.
इसके अलावा बिना पिन डाले होने वाली इंटरनेशनल ट्राजेक्शन को भी ब्लॉक किया जा रहा है.
ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक लोगों का डेटा चोरी होने का डर है, जिसका दुरुपयोग चीन से हो रहा है.
एसबीआई ने 6 लाख डेबिट कार्ड होल्डर्स से कहा कि वो अपना पिन नंबर बदल लें. पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया के एमडी एपी होता ने कहा कि हमें डेबिट कार्ड के जरिये फ्रॉड के बाबत शिकयतें बैंकों से मिली हैं.
प्रभावित बैंकों के अधिकारियों ने बताया है कि चीन में गलत तरीके से डेबिट कार्ड का प्रयोग हो रहा है उससे संदेश की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
इस समस्या से सबसे ज्यादा एसबीआई, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, यस और एक्सिस बैंकों के उपभोक्ता प्रभावित हैं.
पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया ने भारतीय बैंकों के सर्वर्स और सिस्टम में फॉरेंसिक ऑडिट के आदेश दिये हैं.
फ्रॉड करने वालों ने यह सेंध हिटैची के पेमेंट सर्विसेज द्वारा लगाए गए मालवेयर में लगाया है.
एटीएम सुविधा और प्वाइंट ऑफ सेल सुविधा उपलब्ध कराने वाली हिटैची ने इस पर अभी तक कुछ नहीं कहा है.
इस सिस्टम में सेंध लगाकर फ्रॉड में शामिल लोग न केवल आंकड़ों से संबंधित सूचना हासिल कर रहे हैं, बल्कि संबंधित सूचनाओं के आधार पर पैसे भी चुरा रहे है.