आज़म साहब,
सहारनपुर में ई-रिक्शा वितरण कार्यक्रम में आपने जब कहा, ‘मुझमें प्रधानमंत्री बनने के सारे गुण हैं. मैं चाय बना सकता हूं, ड्रम बजा सकता हूं, खाना बना सकता हूं और सलीके से कपड़े पहन सकता हूं. इसके अलावा, मैं देखने में भी कुछ खास बुरा नहीं हूं और न ही भ्रष्ट हूं.’
आज़म खान जी आपकी काबिलियत पर कोई शक़ नहीं, आप बन भी जाते PM यदि आप इन सारी बातों के साथ एक बात और जोड़ देते कि –
मैं भी भारत माता की सेवा के लिए दिन के 18 घंटे काम कर सकता हूँ…
मैं वोट पाने की राजनीति के साथ और विरोधियों के बचकाने आरोपों को निपटने की कूटनीति के साथ, राष्ट्र के उत्थान के लिए राष्ट्रनीति के सिद्धांत पर चल सकता हूँ…
मैं केवल एक राज्य का मंत्री बने रहने के लिए वोट नीति करने के बजाय वसुधैव कुटुम्बकम की हमारी देशना को विश्व भर में प्रचारित प्रसारित करने के लिए प्रतिबद्ध हो सकता हूँ…
लेकिन नहीं, यदि आप इतना कह पाने की कूवत रखते होते तो खुद की तुलना कभी प्रधानमंत्री मोदी से नहीं करते…
चाय तो आप बना लोगे, लेकिन चाय बनाने के साथ मोदीजी ने जो राष्ट्रप्रेम का अमृत बनाना सीखा, वो कहाँ से सीखेंगे?
ड्रम तो बजा लोगे, लेकिन मोदीजी की तरह दुश्मनों का बैंड बजाना कहाँ से सीखोगे?
सलीके से कपड़े तो पहन लोगे, लेकिन कपड़ों में लिपटी उस पवित्र आत्मा को कैसे पाओगे, जो संघर्ष की आग में तपकर कुंदन बनकर निखरी है..
दिखने में भी ख़ास बुरे नहीं हो माना, लेकिन वो आभामंडल कहाँ से पाओगे जो मोदीजी के व्यक्तित्व के चारों ओर उनका सुरक्षा कवच बनकर रहती है, जिस पर आज तक कोई नकारात्मक बयान या वार असर नहीं कर सका.
चलिए आपने इस जनम में उपरोक्त सारे गुण खुद में पैदा भी कर लिए, तब भी मोदी जिन करोड़ों दिलों पर राज कर रहे हैं, वो दिलदार कहाँ से लाओगे?
प्राचीन काल में जैसे राजा जहां से गुज़रते वहां प्रजा उनकी जय जय कार करती थी, वैसे ही अपना राजा मानकर उनकी जयकार करने वाली ये विशाल प्रजा कहाँ से लाओगे?
और तो और वो माँ कहाँ से लाओगे जिनके संस्कारों के कारण ही आज उन्हें लाखों करोड़ों माँओं का आशीर्वाद उन्हें प्राप्त है…
इस जनम में तो भूल जाओ आज़म साहब, ये पद और साथ में पद की गरिमा बनाए रखने का माद्दा, प्रतिष्ठा को पचाने का हाजमा किसी एक जनम की कमाई नहीं होती.
“योगी” का जीवन जीने के लिए सनातन धर्म की परिभाषा जान लो पहले कि कितने त्याग और तपस्या के बाद एक जीवन ऐसा मिलता है, जब आप आम जीवन, आम लोगों के बीच जीते हुए भी एक योगी, एक तपस्वी, एक राजा सा सम्मान पाते हो.
लेकिन ये आपको समझ नहीं आएगा आज़म साहब, क्योंकि आपकी किस्मत में इस जनम में तो इन “योगियों” से ईर्ष्या और बैर ही लिखा है. यकीन न हो तो पूछें योगी आदित्य नाथ से.
खैर उनसे क्या पूछना वो कुछ कहेंगे तो आप फिर शिकायत लेकर मोदी जी के पास ही जाएंगे कि – मेरी भैंस को डंडा क्यूं मारा?
– आपकी एक शुभचिंतक माँ जीवन शैफाली
गोमय उत्पाद व घर में बनी खाद्य सामग्री उपलब्ध है –
गोमय उत्पाद
मुल्तानी मिट्टी चन्दन का साबुन – 30 rs
शिकाकाई साबुन – 50 rs
नीम साबुन – 30 rs
गुलाब साबुन – 30 rs
एलोवेरा साबुन – 30 rs
तेल – 100 ml – 150 rs
मंजन – 80 gm – 50 rs
सिर धोने का पाउडर – 150 gm – 80 rs
मेहंदी पैक – 100 gm – 100 Rs
लेमन उबटन – 100 gm – 50 rs
ऑरेंज उबटन – 100 gm – 50 rs
नीम उबटन – 100 gm – 50 rs
हाथ से बनी खाद्य सामग्री
अलसी वाला नमक – 150 gm – 100 rs
अलसी का मुखवास (थाइरोइड) के लिए – 100 gm – 100 rs
weight Reducing हर्बल टी – 100 gm – 200 rs
कब्ज़ के लिए मिरचन – 100gm – 100rs
त्रिफला – 100 gm – 100 rs
सहजन का पाउडर (कैल्शियम के लिए) – 100gm -100rs
अचार का सूखा मसाला – 100gm – 150rs
गरम मसाला – 100gm – 200rs
चाय मसाला – 100gm – 200rs
Sanitary Pads
- 500 रुपये के 5 – Washable
- 100 रुपये के 5 – Use and Throw
संपर्क – माँ जीवन शैफाली – Whatsapp 9109283508