भारतीय मीडिया ने जिसे नज़रअंदाज़ रखा उस खबर ने नींद उड़ा रखी है दुनियाभर के वैज्ञानिकों की

कुछ दिन पूर्व ख्यात वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने एक बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि जब हम ब्रम्हांड के और भीतर जाएंगे तो कई अत्यंत विकसित सभ्यताओं से हमारा सामना हो सकता है.

हॉकिंग ने पृथ्वीवासियों को आगाह करते हुए कहा था कि ये ‘हमलावर सभ्यताएं’ भी हो सकती हैं. उन्होंने ऐसा क्यों कहा शायद आपमें से कम ही लोग जानते होंगे. एक ऐसी हिला देने वाली खबर आई है मित्रों जिसे भारतीय मीडिया ने कूड़े में पटक रखा है. इस खबर ने दुनियाभर के वैज्ञानिकों की नींद उड़ा रखी है.

दो खगोलविदों ने कुछ दिन पहले ये कहकर सनसनी फैला दी कि उन्होंने Sloan digital sky survey के माध्यम से 2.5 लाख सितारों का अध्ययन किया था. इनमें से 234 सितारे ऐसे हैं जो बेहद तेज़ गति से ‘लाइट सिग्नल’ पृथ्वी की ओर भेज रहे हैं.

सोचिए आकाशगंगाओं के पार से 234 सितारों से सिग्नल आने का मतलब क्या हो सकता है. ये सिग्नल रोशनियों के बड़े विस्फोट के जरिये भेजे जा रहे हैं. ये खोज करने वाले खगोलविद कह रहे हैं कि वे इस बात से आश्वस्त हैं कि ये सिग्नल किसी परग्रही सभ्यता द्वारा भेजे जा रहे हैं. अब स्टीफन हॉकिंग का ‘एलियन हंटिंग मिशन’ दावे की सच्चाई जानने का प्रयास कर रहा है.

नासा का कहना है कि ये किसी तकनीकी गलती के चलते हो रहा है. नासा के मुताबिक आकाशगंगाओं के किसी कोने से ऐसे सिग्नल मिलना लगभग असंभव है.

खगोलविद Ermanno Borra and Eric Trottier कनाडा की Laval University में अपना शोध कार्य कर रहे हैं. इन दोनों का कहना है कि अत्यंत विकसित सभ्यताएं ही इतने प्रकाश वर्ष दूर से इस तरह की लाइट बीम छोड़ सकती है. जो सिग्नल हम तक आ रहे हैं उन्हें अभी बहुत premature बताया जा रहा है. सम्भव है हम उन्हें डिकोड नहीं कर पा रहे हैं.

मैं तो ये जानकर ही हिल गया कि ये अज्ञात 234 सितारे बहुत द्रुत गति से सिग्नल भेज रहे हैं. हैरानी ये है कि इन सभी सितारों से एक ही गति से सिग्नल प्राप्त हो रहे हैं यानि लगभग 1.65 picoseconds की गति से.

क्या हमें डरना चाहिए. इतनी तेज़ गति से सिग्नल भेजने का क्या कारण हो सकते हैं. क्या वे हमें किसी संभावित प्राकृतिक आपदा के बारे में बताना चाहते हैं या उनकी मंशा कुछ और हैं.

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