मानहानि मामले में केजरीवाल को राहत नहीं, चलती रहेगी आपराधिक कार्यवाही

नई दिल्ली. अरुण जेटली द्वारा दायर मानहानि केस में दिल्ली हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को राहत देने से इनकार कर दिया है.

वित्त मंत्री जेटली पर गंभीर आरोप लगाने वाले केजरीवाल ने उच्च न्यायालय में अर्जी देकर एक साथ दोनों मामलों के चलने का हवाला देकर आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी.

केजरीवाल की इस याचिका को खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने मजिस्ट्रेट कोर्ट में चल रही आपराधिक कार्यवाही के मामले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.

अदालत ने कहा कि इस बात में कोई दिक्कत नहीं है कि मजिस्ट्रेट कोर्ट में आपराधिक कार्यवाही का मामला चलता रहे. दिल्ली हाईकोर्ट में मानहानि के चल रहे मामले के कारण इसपर रोक लगाने की कोई जरूरत नहीं है.

केजरीवाल ने कहा था कि क्रिमिनल केस और सिविल केस साथ-साथ नहीं चल सकते और चूंकि दिल्ली हाईकोर्ट में सिविल केस चल रहा है इसलिए मजिस्ट्रेट कोर्ट में मामले पर रोक लगनी चाहिए.

इससे पहले हाई कोर्ट ने केजरीवाल के उस याचिका पर 25 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित रखा था जिसमें लोअर कोर्ट के 19 मई के फैसले को चुनौती दी गई थी।

इस फैसले में पटियाला कोर्ट ने मामले की सुनवाई तब तक टालने से इनकार किया गया है, जब तक हाई कोर्ट 10 करोड़ के सिविल मानहानि मामले में कोई फैसला नहीं सुनाता है.

केजरीवाल और उनके पांच साथियों के खिलाफ ये दोनों ही याचिकाए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दायर की है.

मामले में अरविंद केजरीवाल के अलावा आप नेता कुमार विश्वास, आशुतोष, राघव चड्ढा, संजय सिंह और दीपक वाजपेयी आरोपी हैं.

गौरतलब है कि केजरीवाल और उनके साथियों ने दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में कथित भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए दिसंबर 2015 में जेटली के खिलाफ बयानबाजी की थी.

इसके बाद वित्तमंत्री ने हाई कोर्ट में सिविल और पटियाला हाउस कोर्ट में आपराधिक मामला दायर किया था.

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