भुवनेश्वर के अस्पताल के आईसीयू में आग से अबतक 30 की मौत

भुवनेश्वर. शहर के बड़े निजी अस्पताल एसयूएम के आईसीयू में सोमवार रात आग लग गई. इस हादसे में अब तक 30 लोगों के मारे जाने की खबर है. आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी बताई जा रही है..

भुवनेश्वर के इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड एसयूएम हॉस्पिटल के आईसीयू वार्ड में लगी आग में 30 लोगों की दम घुटने से मौत हो गई. जबकि 109 लोग जख्मी भी हुए हैं.

घटना के बाद 100 से ज्यादा मरीजों को दूसरे हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया. घटना के बाद पीएम मोदी ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और जेपी नड्डा को ओडिशा सरकार के संपर्क में रहने के निर्देश दिए हैं.

घटनास्थल पर पहुंची दमकल की गाड़ियों ने आग को काबू में किया.घायलों को इलाज के लिए दूसरे अस्पताल में भेजा गया है जहां कई मरीजों को हालत अभी गंभीर बनी हुई है.

माना जा रहा है कि इस निजी अस्पताल की पहली मंजिल पर बने डायलिसिस वॉर्ड में बिजली शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी जो पास के सघन चिकित्सा केंद्र (आईसीयू) तक फैल गई.

इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए इसे ‘दिमाग झकझोर देने वाली’ घटना करार दिया.

पीएम ने ट्वीट किया, ‘ओड़िशा के अस्पताल में लगी आग में लोगों की जान जाने से काफी दुखी हूं. यह त्रासदी दिमाग को झकझोर देने वाली है. मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिवारों के साथ हैं.’

उन्होंने कहा, ‘स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से बात की है और उन्हें घायलों को एम्स में भर्ती कराने की व्यवस्था करने को कहा है. उम्मीद है कि घायल लोग जल्द स्वस्थ होंगे.’

मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से भी बात की है और उनसे घायलों एवं प्रभावितों के लिए हरसंभव मदद सुनिश्चित करने को कहा है.’

बहरहाल, कैपिटल अस्पताल के डॉक्टर ने कहा, ‘ज्यादातर पीड़ित हादसे की चपेट में आए सम अस्पताल की पहली मंजिल पर बनी आईसीयू में थे.’

बताया जाता है कि पहली मंजिल पर बने डायलिसिस वॉर्ड से शुरू हुई यह आग तुरंत उसी मंजिल पर बनी आईसीयू सहित अन्य जगहों पर फैल गई. सम अस्पताल की इमारत चार मंजिली है.

अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि पुलिस आयुक्त कार्यालय और दमकल कर्मियों ने स्वयंसेवकों एवं अस्पताल कर्मियों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाया, क्योंकि 500 से ज्यादा मरीज इमारत में फंसे हुए थे.

आग पर काबू पाने के लिए कम से कम सात अग्निशमन वाहनों को लगाया गया और नाजुक हालत वाले मरीजों को अन्य अस्पतालों में भेजने के लिए एक दर्जन से ज्यादा एंबुलेंस लगाए गए.

साल 2011 में कोलकाता के एएमआरआई अस्पताल में भीषण आग लगी थी जिसकी चपेट में आने से 89 लोग मारे गए थे जिनमें 85 मरीज थे.

इस बीच, राज्य सरकार ने घटना की उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं. मेडिकल शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग के निदेशक मामले की जांच करेंगे.

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अतनु एस नायक ने कहा कि यदि अस्पताल अधिकारियों को लापरवाही का दोषी पाया गया तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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