The worst nightmares are coming true .
देश के मुसलमानों ने आज तक जो भी डरावने सपने देखे थे वो सच होते नज़र आ रहे हैं.
2014 में मोदी PM की गद्दी पे आ बैठे, ये बहुत बड़ा झटका था.
पर उस से भी बुरा झटका ये था कि देश के सबसे महत्वपूर्ण सूबे से , जहां कि उनकी सबसे बड़ी आबादी है, एक भी मुस्लिम सांसद संसद में नहीं पहुंचा.
It was a very Rude Shock ..
इसके बाद अगला झटका उन्हें तब लगा जब भाजपा काश्मीर में जा पहुंची.
मोदी ने मुसलमानों को politically irrelevant बना दिया है. वो उन्हें आर्थिक और सामाजिक रूप से तो main stream में लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं पर politically वो उन्हें धीरे धीरे हाशिये पे धकेल रहे हैं.
मोदी ने 3 तलाक़ के बहाने देश में Uniform Civil Code की बहस छेड़ दी है.
विधि मंत्रालय इस मामले में मुस्लिम महिलाओं का पक्ष लेगा और उन्हें बराबरी का हक़ दिला के रहेगा.
इसके बाद मोदी सरकार मुस्लिम महिलाओं की शिक्षा स्वास्थ्य और सशक्तिकरण के लिए बड़ी वृहद् योजना तैयार कर रहा है.
शिक्षित और सशक्त महिला / गृहणी इस्लाम को suit नहीं करती.
इस्लाम by design अपने followers ख़ास कर अपनी महिलाओं को जाहिल और पसमांदा बना के रखता है.
सशक्त और शिक्षित मुस्लिम महिला इस्लाम के लिए सबसे बड़ा ख़तरा है.
मोदी ने बिल्ली कबूतरों के बीच छोड़ दी है.
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