मॉस्को. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने भारत दौरे के दौरान अति आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम के सौदे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ के साथ अंतिम रूप देंगे. रूस के इस ऐंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम से भारत के सुरक्षा तंत्र को और मजबूती मिलेगी.
पुतिन के दफ्तर क्रेमलिन की ओर से यह जानकारी दी गई है. रूस की एजेंसी ने पुतिन के सहयोगी यूरी उशकोव के हवाले से कहा है कि ऐंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम S-400 ‘ट्राइअम्फ’ की आपूर्ति के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने कई अहम रक्षा सौदे किए हैं. करीब एक दशक की बातचीत के बाद सितंबर में ही भारत ने 36 राफेल फाइटर जेट की खरीद को मंजूरी दी है.
शनिवार को गोवा में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत आ रहे पुतिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. क्रेमलिन ने इससे पहले कहा था कि भारतीय प्रधानमंत्री से बातचीत का फोकस द्विपक्षीय रिश्तों, खास तौर पर व्यापार और अर्थव्यवस्था पर होगा.
S-400 रूस का सबसे आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम है. इसे सीरिया में तैनात किया गया है, जहां रूस राष्ट्रपति बसर अल असद के समर्थन में बम बरसा रहा है. यह सिस्टम कई सौ किलोमीटर के दायरे में एक साथ 300 टारगेट को ट्रैक कर सकता है और करीब तीन दर्जन को निशाना बना सकता है.
चीन के बाद भारत इसे खरीदने वाला दूसरा देश है. रूस की योजना है कि पुतिन के इस दौरे में ही भारतीय नौसेना के लिए युद्ध पोत बनाने के प्रोजेक्ट के समझौते पर भी बात बन जाए. इसके अलावा दोनों देशों के बीच 200 हल्के हेलीकॉप्टरों की खरीद समेत कई अहम समझौतों पर बातचीत अंतिम दौर में है.
रूसी राष्ट्रपति गोवा में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के अलावा वे 17वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भी शिरकत करेंगे. इस बैठक में दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा होगी साथ ही कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे.
इन पांच अहम समझौतों पर हो रही है बात
S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम : भारत-रूस के बाच जिन समझौतों पर बातचीत जारी है उनमें सबसे महत्वपूर्ण है S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम. भारत की सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में इसे काफी अहम माना जा रहा है. भारत इस तरह के पांच सिस्टम को हासिल करने की तैयारी में है.
Mi-17 V-5 मध्यम ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर : भारत की कोशिश वायु सेना के लिए मध्यम क्षमता के 48 ऐसे हेलीकॉप्टर खरीदने की भी है. अभी तक भारत में ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टरों के रूप में Mi-17 हेलीकॉप्टरों पर ही निर्भरता है. अगर रूस से बातचीत फाइनल होती है तो आपात स्थिति में मदद पहुंचाने और ऑपरेशन चलाने की एयरफोर्स की क्षमता में और बढ़ोत्तरी होगी.
इंफैट्री कॉम्बैट व्हीकल्स : सशस्त्र बलों को ले जाने के लिए इंफैट्री कॉम्बैट व्हीकल्स की खरीदारी के लिए भी भारत रूस से बातचीत कर रहा है. भारत इस डील के जरिए रूस से ऐसे 100 से अधिक वाहन खरीदने की कोशिश में है.
नेवी के लिए दो डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन : रूसी मीडिया में छपी रिपोर्टों के अनुसार भारत नेवी के लिए रूस से दो डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन खरीदने के लिए भी बात कर रहा है.
न्यूक्लियर सबमरीन को लीज पर लेने की तैयारी : भारत रूस से परमाणु संपन्न सबमरीन लीज पर लेने की तैयारी में भी है. भारत की कोशिश हिंद महासागर में अपनी क्षमता विस्तार की है और रूस से लीज पर लिए गए इस न्यूक्लियर सबमरीन से इस क्षेत्र में भारत का दबदबा और बढ़ेगा.