वॉशिंगटन. भारत की सर्जिकल स्ट्राइक को आत्मरक्षा का हक़ कहकर इसका समर्थन करने वाले अमेरिका ने युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान की शांति को कश्मीर मुद्दे पर प्रस्ताव के साथ जोड़ने के पाकिस्तान को खारिज कर दिया है.
अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट के प्रवक्ता जॉन किरबी ने भारत के समर्थन में अहम बयान देते हुए कहा, ‘जैसा कि मैंने पहले भी कहा है कि हम मुंबई हमले के दोषियों को सजा मिलते हुए देखना चाहते हैं.’
पाकिस्तान द्वारा अपनी जमीन को आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल होने देने और भारत में आतंक की सप्लाई के संदर्भ में किरबी ने कहा, ‘हम पाकिस्तान से अपील करते हैं कि वह अपनी सीमा के अंदर आतंकियों और आतंकवादी संगठनों की पहुंच को खत्म करे.’
वहीं, व्हाइट हाउस के दक्षिण एशिया मामलों के प्रभारी पीटर लावोय ने कहा कि भारत अमेरिका संबंध अमेरिका के लिए बहुत गतिशील संबंध हैं. उन्होंने विश्व के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच संबंध मजबूत करने में ओबामा प्रशासन की उपलब्धियां गिनाईं.
व्हाइट हाउस ने हालिया सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर भारत की खुद की रक्षा के अधिकार का समर्थन किया लेकिन दोनों पड़ोसी देशों के बीच सीमा पर भारी सैन्य तैनाती को लेकर चेताया.
अमेरिका ने कहा कि अमेरिका यह सुनिश्चित करने का पूरा प्रयास कर रहा है कि भारत इस साल के अंत तक परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) का सदस्य बने.
लश्कर-ए-तैयबा के कुख्यात आतंकवादी सरगना हाफिज सईद द्वारा हाल ही में अमेरिका के खिलाफ दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया करते हुए डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट के प्रवक्ता जॉन किरबी ने कहा, ‘मैं किसी भी तरह से एक आतंकवादी के बयान का महिमामंडन नहीं करूंगा.’
मालूम हो कि उड़ी हमले के बाद से ही भारत लगातार सख्ती अपनाते हुए कूटनीतिक उपायों के तहत पाकिस्तान को विश्व बिरादरी में अलग-थलग करने की कोशिशें कर रहा है. किरबी का यह बयान भारत को मिली हालिया कूटनीतिक सफलता की बानगी है.