रीकृष्ण का संसार को वरदान है गीता
निष्काम कर्म का बड़ा गुणगान है गीता
दुख के महासागर में जो मन डूब गया हो
अवसाद की लहरो में उलझ ऊब गया हो
तब भूल भुलैया में सही राह दिखाने
कर्तव्य के सत्कर्म से सुख शांति दिलाने
संजीवनी है एक रामबाण है गीता
पावन पवित्र भावों का संधान है गीता
है धर्म का क्या मर्म कब करना क्या सही है
जीवन में व्यक्ति क्या करे गीता में यही है
पर जग के वे व्यवहार जो जाते न सहे हैं
हर काल हर मनुष्य को बस छलते रहे हैं
आध्यात्मिक उत्थान का विज्ञान है गीता
करती हर एक भक्त का कल्याण है गीता
है शब्द सरल अर्थ मगर भावप्रवण है
ले जाते है जो बुद्धि को गहराई गहन में
ऐसा न कहीं विश्व में कोई ग्रंथ ही दूजा
आदर से जिसकी होती है हर देश में पूजा
भारत के दृष्टिकोण की पहचान है गीता
– प्रो. सी.बी. श्रीवास्तव, विदग्ध