अगर किसी मंदबुद्धि बालक ने ‘खून की दलाली’ कह दिया तो कौन सी आफत आ गयी.
[अपने गिरेबान में तो झांको, दिख जायेगा खून की दलाली का सच]
क्यों विरोध कर रहे हो?
यह अमूल बेबी ‘खून की दलाली’ जैसे मुहावरे का मतलब भी न समझता होगा.
[राहुल का ‘खून की दलाली’ वाला बयान देश के शहीदों का अपमान : भाजपा]
और आप लोगों ने भारत विभाजन से चीनी आक्रमण, सिख नरसंहार से शांति सेना तक इनके पूरे खानदान को खून का दलाल साबित कर दिया.
रहम करो.
इस मंदबुद्धि के पिछले कथन भी देखिये
1. यूपी के लोग भिखारी होते हैं
2. पंजाब के लोग नशेड़ी होते हैं
3. गरीबी सिर्फ दिमाग का वहम है
4. गरीबी एक सोच है, मानसिक बीमारी है
5. जो लोग मंदिर जाते है लड़की छेड़ते है
6. आलू की फैक्ट्री लगवायेंगे
स्पष्ट है कि अभी तक इसमे मानसिक परिपकवता नहीं आई है, अतः इनकी किसी भी बात को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है.
काँग्रेस के युवराज विरोध के नहीं बल्कि दया के पात्र हैं.
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