कहते हैं हमारे ऋषियों के पास इतना धन हुआ करता था कि आवश्यकता पड़ने पर कई राजा उनसे मदद मांगने जाते थे. हमारे ऋषि मुनि भले खुद केवल एक धोती पहन कर सारा जीवन गुज़ार देते थे, लेकिन वे धन का महत्व जानते थे. वे जानते थे कि समृद्धि के लिए सरस्वति और अन्नपूर्णा के साथ लक्ष्मी को प्रसन्न रखना भी आवश्यक है.
इस बात से अनजान जब देश विरोधी तत्व बाबा रामदेव के व्यवसाय में आने पर तंज कसते हैं, उन्हें ये भी नहीं पता कि स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग से देश की आर्थिक व्यवस्था ही नहीं संस्कृति भी समृद्ध होती है. फिर भी सारी आलोचनाओं के बावजूद जो अपने राष्ट्र सेवा के उद्देश्य से नहीं डिगता वही सच्चा देश भक्त है. और इसलिए बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की मेहनत, लगन और राष्ट्र सेवा की भावना किसी से छिपी नहीं है.
अपने आयुर्वेद ज्ञान को आज के युग के उत्पादों में उपयोग कर देश की संस्कृति और विरासत को समृद्ध बना रहे बाबा रामदेव और उनकी पतंजलि संस्था अब बच्चों के लिए पतंजलि हर्बल पॉवर वीटा लेकर आए हैं.
जिन्होंने बंकिमचन्द्र का ‘आनंद-मठ’ उपन्यास पढ़ा हो वो इस बात को समझ सकते हैं कि जब राष्ट्र को आवश्यकता पड़ती है तो संन्यासी भी आँख बंद कर ध्यान मुद्रा में नहीं बैठा रहता बल्कि राष्ट्र की रक्षा के लिए हथियार उठा लेता है. आज की स्थिति कमोबेश वही स्थिति है जब हमारी संस्कृति पर विदेशियों का प्रभाव भाषा और पहनावे तक ही नहीं लहू में मिलने लगा है.
ऐसे में आवश्यक हो जाता है कि हमारे बच्चे अपने देश में बनी वस्तुएं ग्रहण करना शुरू कर दें, ताकि आगे जाकर उसे ‘भारत माता की जय’ बोलने में शर्म न आये और उसके अन्दर स्वदेशी वस्तुओं से बना लहू ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ कहने से पहले ही उसकी जुबान रोक ले.
ये किसी व्यक्ति या कंपनी का प्रचार नहीं, देश में बनने वाली वस्तुओं और उसके पीछे के सकारात्मक उद्देश्य का प्रचार है.
तो दूध में मिलाने वाले अन्य पाउडर की जगह पतंजलि हर्बल पॉवर वीटा आयुर्वेदिक हैल्थ ड्रिंक उपयोग में लाएं क्योंकि इसमें हैं ब्राह्मी, अश्वगंधा और शंखपुष्पी के गुण जो बच्चों का केवल शारीरिक और बौद्धिक ही नहीं सर्वांगीण विकास करेगा.
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