सरदार एच एस फुल्का पंजाब में आम आदमी पार्टी के कद्दावर नेता हैं. पेशे से सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं. 1984 में दिल्ली सिख नरसंहार के पीड़ितों के मुकदमे लड़ते हैं दिल्ली में. 2014 में लुधियाना से लोकसभा का चुनाव आम आदमी पार्टी के टिकट पर लड़े थे.
परसों शाम को उन्होंने बयान दिया कि पाकिस्तान से किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है. सरकार सीमावर्ती गाँव खाली करा कर यूँ ही खामख्वाह पब्लिक को परेशान कर रही है. जनता बहुत कष्ट में है. बड़ी मुश्किल है.
“हाय मर गए… हाय लुट गए… हाय बर्बाद हो गए… सरकार कोई मदद नहीं कर रही…”. तरन तारण के एक युद्ध की आशंका से विस्थापित ग्रामीणों के कैंप में कल आम आदमी पार्टी की टोपी लगाए कार्यकर्ताओं ने मुआवज़े के लिए नारेबाजी की.
युद्ध नहीं हुआ है, अभी तो बस युद्ध की सुगबुगाहट भर शुरू हुई है… तब ये हाल है. सचमुच का युद्ध हो गया तो क्या हाल होगा.
आप, सांप और संपोले… अब तक तो बिलों में छुपे हुए थे. उनमें से कुछ, देश में euphoria (उत्साह-उल्लास) के माहौल को देखते हुए वाह-वाह करने को भी मजबूर हुए थे.
सेना की प्रशंसा तो सबको मजबूरन करनी ही पड़ी पर सरकार और मोदी की प्रशंसा करने में सबने भरसक परहेज ही किया. पर अब जबकि उबाल कुछ ठंडा पड़ा है तो संपोले धीरे-धीरे अपनी केंचुल उतार रहे हैं… 13.5 प्रतिशत हिन्दुस्तान का उम्मा प्रेम जागने लगा है.
गोली का जवाब गोली से नहीं देना चाहिए… अहिंसा परमो धर्मः… बातचीत चलती रहनी चाहिए… कोई सर्जिकल स्ट्राइक नहीं हुई… मोदी झूठ बोलता है… भारतीय सेना भी झूठ बोल रही है… छाती 26 इंच है… मोदी और बादल साहब पंजाब की जनता पर अत्याचार कर रहे हैं…
Congi, Commi, आपिये, अपोले और संपोले यानी भारत की ‘sickular’ बिरादरी धीरे-धीरे अपना असली रूप दिखाने लगी है.
शेर अर्ज़ किया है-
रोज़ कहा करते थे, आदाब, आदाब
एक दिन दाब दिया तो बुरा मान गए?
रोज़ पूछा करते थे कि कहाँ है 56 इंच का सीना
एक दिन दिखा दिया तो बुरा मान गए?
कामी वामी congi सपाई बसपाई सब बड़े परेशान हैं कि सर्जिकल स्ट्राइक पर मीडिया खामख्वाह का उन्माद पैदा कर रहा है.
उत्तरप्रदेश में भी सर्जिकल स्ट्राइक को ले के राजनीति शुरू हो गयी है.
मुलायम यादव की समाजवादी पार्टी और उत्तरप्रदेश कांग्रेस ने surgical strike को downplay करना (कम आंकना… महत्वहीन बताना) शुरू कर दिया है.
सपा प्रवक्ता ने तो कल सरेआम कह दिया… पाकिस्तान के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई है… अपनी भूमि (POK) में आतंकियों पर कार्यवाही की है, मीडिया इतना खुश क्यों हो रहा है, देश को मोदी की 56 इंच की छाती क्यों दिखाई जा रही है?
अरे भाई, कल तक तो तुम ही चिल्ला-चिल्ला के पूछ रहे थे… छाती कहाँ है???… छाती कहाँ है???… 56 इंच की छाती कहाँ है???…
मोदी ने कुर्ता खोल के न सिर्फ छाती नाप दी बल्कि Biceps और Triceps भी… अब सपा बसपा और कांग्रेस कहती है… देखो हमको डौले दिखा रहा है… मोदी को कुर्ता उतार के T Shirt पहन कर डौले दिखाने के लिए मजबूर आपने ही किया है.