हिन्दुस्तान की राजनीति में आज जो भी गंदगी है उसकी जननी Congress है. देश का पहला घोटाला जीप घोटाला 1948 में हुआ. रक्षा मंत्रालय में. तब जब कि पाकिस्तान ने कश्मीर पर हमला किया था.
नेहरु खुद रक्षा मंत्री थे. उनके बाल सखा और अभिन्न मित्र वी के कृष्ण मेनन ब्रिटेन में भारत के राजदूत थे. उन्होंने बिना किसी प्रक्रिया, टेंडर नोटिस के 80 लाख रूपए में 200 जीप खरीदने का ऑर्डर दे दिया.
सिर्फ 155 जीप आई. बाकी आईं ही नहीं. बताया जाता है कि 1948 में उस 80 लाख में से 70 लाख रूपए से ज़्यादा का भ्रष्टाचार हुआ था. क्योंकि जो जीप खरीदी गयी वो बमुश्किल 1000 रूपए की थी.
ये वो ज़माना था जब दरोगा की पगार 20 रूपए महीना होती थी. संसद में हो हल्ला मचा. पर कुछ न हुआ. उसी कृष्ण मेनन को नेहरु ने 1956 में रक्षा मंत्री बना दिया. उस महा चोर के नाम पर आज दिल्ली में सड़क है.
इसके बाद भारत में भ्रष्टाचार आम बात हो गयी और देश को दोनों हाथ से लूटने की शुरुआत नेहरु ने ही कर दी थी.
भारतीय राजनीति में Congress की देन
उसके बाद चुनाव में जातिवाद, बूथ कैप्चरिंग, डाकुओं, गुंडों चोर बदमाशों, माफियाओं को पहले टिकट देना फिर मंत्री बनाना. चुनाव में मतदाताओं को पैसा, शराब, साड़ी बांटना और चुनाव में लोक लुभावन वादे करना. दल बदल कराना, horse trading, चुनावों से पहले हिन्दू-मुस्लिम तनाव, दंगा, ध्रुवीकरण करना. परिवार वाद, भाई भतीजावाद, पत्रकारों को कुत्ते की माफिक पालना. ये सब कोढ़, ये गंदगी भारतीय राजनीति में Congress की देन है.
इसके अलावा बड़ी बड़ी चुनावी रैली करना, लोगों को पैसे दे के और शराब पिला के बस और ट्रेक्टर ट्राली में भर भर के लाना, दूर दूर से लाना. और लाखों लोगों की रैली कर झूठा शक्ति प्रदर्शन करना, ये सब Congress ने शुरू किया.
सड़क छाप रोड शो करने को मजबूर Congress
कालान्तर में 80 और 90 के दशक में जब Congress का पतन शुरू हुआ. भाजपा एवं अन्य क्षेत्रीय दल उभरने लगे तो उन्होंने भी Congress के वही दाव पेंच न सिर्फ सीख लिए बल्कि उनसे बहुत बहुत आगे निकल गए.
अब हालात ये हैं कि भाजपा और सपा बसपा जैसे दल लाखों लोगो की रैली करते हैं. और बेचारी congress… खाट सभा, नुक्कड़ सभा और सड़क छाप रोड शो करने को मजबूर है.
Congress की औकात जानते हैं PK
उत्तरप्रदेश में congress के रणनीतिकार PK (प्रशांत किशोर) यहाँ Congress की औकात जानते हैं. वो जानते हैं कि यहाँ 500 आदमी भी जुटाना मुश्किल हो जाएगा. और छोटे से मैदान में कुर्सी पर बैठे 500 आदमी… जनाजा निकल जाएगा युवराज का. इसलिए खाट सभा की प्लानिंग बनी.
एक बड़े मैदान में 300 खटिया बिछा दो. उसपे बिठाओ लोगों को. सभा के बाद खटिया ले जाने दो. उसी खटिया के लालच में आ जाते हैं 1000 – 500 आदमी. इज्ज़त बच जाती है.
वरना हमने दिल्ली में वो दिन भी देखे हैं जब शीला दीक्षित हाथ जोड़ के कहती थीं पब्लिक से कि भाषण पूरा सुन के जाओ… प्लीज़ राहुल को तो सुन के जाओ (वैसे अगर कुर्सी लूटने का पैकेज हो तो ज़्यादा लोग आयेंगे शायद यूपी में)
कंगाल हो चुकी Congress
इसी तरह यूपी में किसी पुराने शहर के बीचोंबीच एक तंग सड़क पर रोड शो हो तो कुछ तो यूँ ही तमाशबीनों की ही भीड़ हो जाती है बाकी ट्रैफिक जाम में फंसे बेचारे गरियाते हुए लोगों की…
ऐसे में उत्तराखंड, बोले तो हरीश रावत का वो कलाम याद आता है जब उन ने horse trading वाले स्टिंग ऑपरेशन में कहा था कि अजी दिल्ली वाले तो भूखे नंगे बैठे हैं.
congress पार्टी कंगाल हो चुकी है… सड़क पे आ चुकी है.