रूस के एक किसी पुराने से ज़ार (शासक / राजा) का किस्सा है. ये ऐसे भी काफी दुष्ट प्रवृत्ति के माने जाते थे लेकिन उसके बावजूद इश्क तो इश्क है. चुनांचे इनकी किसी एक रानी को किसी कारिंदे से इशक हो ही गया!
अब इश्क और मुश्क (खुशबू) छुपाये तो छुपते नहीं, सो राजा साहब को एक दिन खबर हो गई. कारिंदे का सर बाकायदा कटवाया गया और उसे एक अल्कोहल के मर्तबान में भरा गया. अल्कोहल से भरे कांच के पारदर्शी बर्तन में कटे सर को अपनी रानी के शयनकक्ष में राजा साहब टंगवा आये.
बेशक रानी साहिबा अपने आशिक का कटा सर देखकर जिन्दगी भर कुढ़ी होंगी. खैर राजा साहब की एक समस्या थी, साँसों की बदबू की. वही जिसको मिटाने की बात करके कोलगेट और क्लोज़-अप लाखों कमाते हैं.
लेकिन ऐसे राजा थे कि कौन उनसे कहता कि आपके मुंह से बदबू आती है? लेकिन जैसे इश्क़ नहीं छुपा वैसे ही मुश्क (खुशबू / बदबू) भी नहीं छुपी. एक दिन राजा साहब किसी माशूक के पास पहुंचे और वहां उन्हें अपने मुंह की बदबू की बात पता चल गई.
माशूका का क्या हुआ ये तो नहीं पता लेकिन राजा साहब जब वापिस अपनी दूसरी रानी के पास पहुंचे तो उन्होंने पहुँचते ही सवाल दागा – “आज तक तूने मुझे बताया क्यों नहीं कि मेरे मुंह से ऐसी बू आती है?
ये वाली रानी पहले का हाल देखकर समझदार हो चुकी थी. छूटते ही जवाब दिया, “महाराज, किसी और पुरुष से तो मैं मिली नहीं ना!! मुझे लगा सबके मुंह से ऐसी ही बू आती होगी!!”
तो ये होता है बोलने का तरीका जो कई बार गर्दन बचा ले जाता है, ताकि अगली बार गले से आवाज़ निकल सके.
ये आपने कई सेल्स वालों को करते देखा होगा. उनके बोलने का तरीका बड़ा मधुर सा होता है. दरअसल बैंक और insurance की कई कंपनियां पहले ही दिन फ्रंट ऑफिस और सेल्स वालों को GSST सिखाती हैं. G से होता है greet, यानि आते ही किसी को भी नमस्ते / गुड मोर्निंग / गुड आफ्टरनून कहकर स्वागत करो. S से होता है stand, यानि खड़े होकर बात करो, सामने वाला ज्यादा तमीज से प्रभावित होता है. दूसरा S है smile के लिए, यानि बात मुस्कुराकर की जाए. T है thanks का, जाते समय ग्राहक को धन्यवाद जरूर कहें.
अब छोटे व्यवसायी, या खोमचे वालों का धंधा सिर्फ मुस्कुरा कर बात करने भर से दिन में डेढ़ गुना तक बढ़ते पिछले हफ्ते में हमने देखा है. हमने किसी की जाति नहीं पूछी. गरीब छोटा व्यवसायी है. एक लड़की थी जो साइबर कैफ़े चलाती है उसे हिंदी के लिए गूगल ट्रांसलिट्रेट इस्तेमाल करना सिखा दिया है. अब हिंदी / अंग्रेजी में लैटर टाइप करके भी वो कुछ कम पाती है अपने रोज़ के साइबर कैफ़े के इनकम के अलावा |
दल हित चिंतकों को सेक्स सर्वे से फुर्सत हो तो गरीबों को व्यवसाय बढ़ाने की तकनीकें शायद सिखायेंगे. जब तक उन्हें अपने राजनैतिक आकाओं के भाषण लिखने से फुर्सत होती है तब तक हमने ही जिम्मेदारी संभाल ली. जब तक वो मिशनरियों से अपनी पत्रिका के लिए चंदा लेकर आते हैं तब तक आप भी एक-दो गरीबों का तो भला कर ही सकते हैं.