द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद उपजे हालात ने यूरोप पर बहुत व्यापक असर डाला। जर्मनी दो भागों में विभाजित हुआ।
East Germany के ऊपर तत्कालीन USSR (सोवियत संघ) का असर रहा और West Germany अमेरिका गुट में गया।
पूर्वी यूरोप के देश USSR के प्रभाव में वामपन्थी हुए जैसे कि पोलैंड, रोमानिया, चेकस्लोवकिया, हंगरी, यूगोस्लाविया, ग्रीस आदि।
ये देश गरीब यूरोप के नाम से जाने गए क्योंकि वामपंथ के आडम्बर में इनका न तो औद्योगिक उत्थान हुआ और न ही राजनैतिक। छोटे देश चेकस्लोवकिया, हंगरी, यूगोस्लाविया में तो भयंकर अराजकता का माहौल था।
जबकि पश्चिमी यूरोप के देश यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, नीदरलैंड, पश्चिमी जर्मनी, बेल्जियम, पुर्तगाल के साथ ही स्कैंडिनेवियन देश जैसे डेनमार्क, नॉर्वे, स्वीडन या फ़िनलैंड ताकतवर और समृद्ध होते चले गए।
पूर्वी और पश्चिमी यूरोप के बीच की खाई साफ थी।
1951 से लेकर 1956 तक पश्चिमी यूरोप के देशों में तमाम संधि हुईं। सन 1957 में Belgium, France, Italy, Luxembourg, Netherlands और West Germany ने मिलकर एक यूरोपियन संघ (EU) का खाका और रेखाचित्र रखा तथा इन देशों ने इस पर अमल करना चालू किया।
तमाम तरह की बैठकों के बाद अन्य देशों से सहमति नहीं बन रही थी। यूरोप का एक बड़ा देश स्पेन, था तो पश्चिम में लेकिन फिर भी वो USSR पक्ष में था। वो इस EU के संकल्प को मान्यता नहीं देता था, क्योंकि उसको USSR की शह थी।
1973 में डेनमार्क, ग्रीनलैंड, UK और आयरलैंड ने EU की कल्पना को मान्य किया। 1985 की बैठक में एक कॉमन यूरोपियन संसद की परिकल्पना की नींव डाली गई, ये बैठक लक्सेमबर्ग के छोटे से कस्बे Schengen में हुई और यहां EU का खाका तैयार किया गया। बातचीत और समझौते के दौर होते रहे।
इस बीच USSR जो कि 11 बाल्टिक देशों, Georgia, पूर्वी यूरोप और रूस को मिला के बना था, वहां आंदोलन चालू हो गए और 1988 में साफ संकेत उभर चुका था कि USSR का टूटना तय है। इस बदलते घटनाक्रम में दोनों जर्मनी का एकीकरण हो गया, पश्चिमी जर्मनी और पूर्वी जर्मनी एक हो गए। जर्मनी पर से USSR का प्रभाव खत्म हो चुका था।
1991 में USSR का टूटना और अलग हुए देशों की आर्थिक मोर्चे पर विफलताओं ने EU की परिकल्पना को मजबूती प्रदान की। 1991 में USSR टूट चुका था और रूस समेत हर अलग हुए देश की आर्थिक हालात दयनीय थी। इसको देखते हुए यूरोप के देश 1957 में आए EU की संकल्पना को अवश्यम्भावी मानने लगे।
USSR का टूटना और उसके साथ EU बनना तय हो चुका था। 1995 में फिनलैंड, ऑस्ट्रिआ, स्वीडन ने भी EU का सदस्य बनने को हामी भरी। इस तरह 1997 में EU बन चुका था और 1999 में EU को मूर्त रूप दे दिया गया था। 2002 में यूरो बैंक और यूरो मुद्रा का आगमन हुआ।
क्रमशः…
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