बाबा की सबसे बड़ी और सबसे महत्वाकांक्षी योजना जिस पर बाबा ने काम शुरू कर दिया है, वो है शिक्षा के क्षेत्र में.
आपको ये जान कर प्रसन्नता होगी कि बाबा ने भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय यानि ministry of HRD से देश में बच्चों की शिक्षा के लिए एक वैदिक बोर्ड की स्थापना के लिए अनुमति मांगी है.
जैसे देश में CBSE, ICSE और तमाम राज्यों के शिक्षा बोर्ड हैं, मुसलमानों की दीनी तालीम के लिए मदरसा बोर्ड है, उसी प्रकार बाबा रामदेव ने भारत सरकार से देश में एक वैदिक बोर्ड की स्थापना के लिए अर्ज़ी दी है. इस नए वैदिक बोर्ड में देश की पुरातन गुरुकुल शिक्षा पद्धति को आधुनिक काल के हिसाब से remodel कर पुनर्जीवित करने का प्रयास है.
भारत की शिक्षा व्यवस्था पिछले 68 साल से वामपंथियो के चंगुल में फंसी रही. वामपंथियों का शुरू से एक ही agenda रहा. भारत के गौरवशाली इतिहास को, संस्कृति को, हमारी सभ्यता को demean कर, बदनाम कर नीचा दिखाओ और secularism के agenda के तहत भारत के मध्यकालीन इतिहास को, जब कि हम मुसलमानों के आधीन रहे , उस इतिहास को बच्चों को पढ़ाओ…
हमारे नायकों को पीछे धकेल अकबर, शाहजहाँ, औरंगज़ेब और टीपू सुलतान जैसे hero पैदा करो और राणा शिवा को भुला दो… अंग्रेजों की शिक्षा पद्धति को आगे बढ़ाओ जो leader नहीं बल्कि clerk और stenographer पैदा करती है…
बच्चों में सोचने और analysis करने की क्षमता को ख़त्म करती है आधुनिक शिक्षा पद्धति… इसमें पूरा focus सिर्फ रट्टे मार के exam पास करने पे होता है.
बाबा रामदेव ने जो वैदिक board की परिकल्पना की है उसमे बच्चों को भारत का गौरवशाली अतीत, इतिहास, संस्कृति और परम्परा से परिचित कराने का प्रयास है…
हमारे वैदिक ग्रन्थ, वेद, उपनिषद, दर्शन शास्त्र जिन्हें आज की शिक्षा छूना भी नहीं चाहती, आधुनिक पाठ्यक्रम के साथ वेद उपनिषद् भी पढ़ाये जाएँ. ऐसे एक शिक्षा बोर्ड की स्थापना चाहते हैं बाबा.
इसको और ज़्यादा सरल कर के बताऊँ तो स्कूल में CBSE के 5 subject हिंदी, अंग्रेजी, Maths, Science और SSD के साथ एक नया stream, एक नया subject वेद उपनिषद् भी जोड़ दिया… योग को अनिवार्य कर दिया….
अब आप सोचेंगे कि बच्चे overload होंगे?
जी नहीं… बिलकुल नहीं…
आज NCERT कहती है कि बच्चों को सिर्फ 5 किताब पढ़ाई जाए पर हमारे private स्कूल 17 किताब लगा के रखते हैं…
वैदिक बोर्ड में NCERT की उन 5 किताबों के साथ सिर्फ एक किताब जोड़ दी जायेगी…. वैदिक शिक्षा… बच्चा जब 12 साल इस बोर्ड से पढ़ के निकलेगा तो उसे ये पता होगा कि भगत सिंह कोई terrorist नहीं बल्कि स्वतंत्रता सेनानी थे… और औरंज़ेब कोई महान राजा नहीं बल्कि एक आततायी था…
बाबा ने आचार्यकुलम के नाम से ऐसा एक वैदिक स्कूल शुरू कर भी दिया है जिसमे बच्चे सुबह उठ के योग करते हैं, यज्ञ करते हैं और फिर उसके बाद दिन में CBSE की पढ़ायी पढ़ते हैं.
इसके अलावा देश भर में 9 अन्य आचार्यकुलम और बन रहे हैं. अगले 10 साल में देश में 1000 आचार्यकुलम स्थापित करने का plan है बाबा का…
ये आचार्यकुलम Residential Schools होंगे, जो प्रस्तावित वैदिक बोर्ड से मान्यता प्राप्त होंगे और पूरी तरह गुरुकुल पद्धति से शिक्षा देंगे.
बाबा इसके लिए देश भर में दान दाताओं से 5 एकड़ जमीन मांग रहे हैं… आपके बाप दादाओं के नाम आचार्यकुलम…
यदि एक अकेली JNU इतने वामपंथी संपोले पैदा कर सकती है तो 1000 आचार्य कुलम कितने देश भक्त पैदा करेंगे…
आप इसमें क्या योगदान दे सकते हैं. दंतकान्ति से दांत साफ़ कीजिये और अपने 10 मित्रों को बताइये कि दन्त कांति कितना अच्छा है. पतंजली के products को promote कीजिये. अपने दुकानदार से बाबा का साबुन मांगिये, बाबा का बिस्किट मांगिये, उसे मजबूर कीजिये कि वो पतंजली के products रखें.
बाबा के brand ambassador बनिए …….. राष्ट्र के लिए.